Tuesday, 3 February 2015

Sher-e-Hind.

सब ने महाराणा प्रताप के घोंड़े चेतक के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन उनका एक हाथी भी था। उस हाथी के बारे में थोड़ी जानकारी..

उस रामप्रसाद हाथी का उल्लेख अल बदायुनी ने, जो मुगलों की ओर से हल्दीघाटी के युद्ध में लड़ा था, अपने एक ग्रन्थ में किया है।

वो हाथी इतना समजदार व ताकतवर था की उसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकेली ही अकबर के 13 हाथियों को मार गिराया था।

इस हाथी को पकड़ने के लिए 7 हाथियों का एक चक्रव्यू बनाया और उन पर 14 महावतो को बिठाया तब कही जाके उसे बंदी बना पाये

अकबर के सामने रामप्रसाद हाथी खड़ा था,शांत।
अकबर ने कहा "आज से इसका नाम पीरप्रसाद , यह बहुत शक्तिशाली हाथी है। हमे बहुत पसंद है"

'पीरप्रसाद' यह नाम सुनते ही रामप्रसाद तांडव करने लगा और अकबर की कचेरी को परेशान कर दिया और रामप्रसाद के डर से अकबर महल से बार भाग गया ।

रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने और पानी दिया। पर उस स्वामिभक्त हाथी ने। 18 दिन तक मुगलों का न दाना खाया और न पानी पीया और वो शहीद हो गया ;

फिर अकबर बहुत गुस्सा करने लगा तो रानी ने कहा," इतना परेशान कयु हो?" तब अकबर बोताया," जब मैं प्रतापसिंह के हाथी को न झुका सका तो प्रतापसिंहको कैसे झुका पाउँगा?"

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